कर्मचारी संगठनों में आक्रोश, आर पार की लड़ाई का एलान
दिल्ली l (हमारे संवाददाता) केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनी बीएचईएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मन बना लिया है. इस निर्णय पर मोहर लगाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया गया है, जिसकी बैठक शीघ्र ही होने वाली है. केंद्र की भाजपा सरकार अपने दुसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने के मिशन पर है. सूत्रों के अनुसार अब अगला नंबर बीएचईएल का है, जहाँ अपनी कुल 63.17 प्रतिशत हिस्सेदारी में से सरकार अलग अलग चरणों में 37 प्रतिशत शेयर बेचने जा रही रही है.
जानकारों का मानना है की इससे जहाँ एक तरफ भेल में नई नौकरियां कम हो जाएँगी, वही पुराने कारीगरों पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा.माना जा रहा है की सरकार बहुत जल्द इस प्रक्रिया को शुरू करेगी. उधर, इस खबर के बहार आते ही भेल कर्मचारी यूनियनों ने इसका पुरज़ोर विरोध किया है. देशभर में फैली भेल इकाइयों के कर्मचारी संगठन इस निर्णय के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को आतुर हैं.
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