हरीश, किशोर हैं प्रबल दावेदार, कई अन्य नेता भी कतार में
देहरादून । ( यश पाल ) उत्तराखंड कांग्रेस पिछले विधान सभा चुनावों में मिली करारी हार से अभी तक उबर नही पायी है। ऊपर से संगठन की शिथिलता कार्यकर्ताओं के मनोबल पर हावी हो रही है। राज्य की भाजपा सरकार के अपना आधा कार्यकाल पूरा करते ही विधान सभा चुनाव नज़दीक आते देख कांग्रेस में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है।
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह दो साल बाद भी अपनी कार्यकारणी नही बना पाए हैं। प्रीतम न तो राज्य में भाजपा सरकार को विपक्ष की मजबूत चुनौती पेश कर पाए हैं और न ही नगर निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी को जीत दिल पाए हैं। और तो और लोकसभा चुनावों में भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी पांचों सीटें बुरी तरह हर गयी थी।
वही केंद्र में सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद दोबारा संभालने के बाद राज्य में भी राजनैतिक समीकरण बदलने लगे है।
कांग्रेस ने हाल ही में कई राज्यों के संगठन में बड़े बदलाव किये हैं। उत्तर प्रदेश, जहां उत्तराखंड के साथ ही चुनाव होने है वहां भी पार्टी ने संगठन में आमूलचूल परिवर्तन किया है। माना जा रहा है की जल्द ही उत्तराखंड में भी बदलाव होना है। राज्य कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में दिल्ली दरबार में हाज़री लगाई है और कुछ दिग्गज तो लगातार वहीं डटे हुए हैं।
इनको मिल सकती है कमान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पार्टी की कमान फिर से सोनिया गांधी के हाथ में आने से किशोर का दावा ज्यादा मजबूत हो गया है। वहीं, विधायक करण माहरा, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, नवप्रभात, राष्ट्रीय सचिव काज़ी निज़ामुद्दीन भी अध्यक्ष पद पाने के लिए अपने समीकरण साधने में लगे है।
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