उत्तराखंड को मिलती है 12.5 % रॉयल्टी, विनिवेश से राज्य को होगा आर्थिक नुकसान
देहरादून ll केंद्र सरकार हाइड्रो पावर कंपनी टीएचडीसी में 75 प्रतिशत की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. इसके लिए बाकायदा अधिसूचना जारी कर अख़बारों में विज्ञापन भी दिया गया है. हालाँकि सरकार ने विज्ञापन में अभी कंपनियों के नाम उजागर नहीं किये हैं, लेकिन सरकारी सूत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. सरकारी हिस्सेदारी खरीदने के इक्छुक निवेशकों से 4 नवंबर तक प्रस्ताव आमंत्रित किये गए हैं.
विदित हो की बिजली उत्पादन करने वाली टीएचडीसी में 75 % हिस्सेदारी केंद्र सरकार तथा 25 % हिस्सा उत्तर प्रदेश सरकार का है. इसमें उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशों में 5000 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमे 1900 स्थायी तथा 3100 अस्थायी कर्मचारी हैं. सरकार के इस निर्णय से सभी सकते में हैं. मुनाफे में चल रही कंपनी का विनिवेश करना किसी को समझ नहीं आ रहा है. कर्मचारी नेताओं का कहना है की पिछले वित्त वर्ष में ही टीएचडीसी ने केंद्र सरकार को 1200 करोड़ का लाभांश दिया था. इसको बेचा जाना पूरी तरह गलत है.
उधर, केंद्र के इस निर्णय से उत्तराखंड राज्य को भी गहरा झटका लगा है. ज्ञातव्य है की उत्तराखंड को टीएचडीसी की कमाई का 12.5 % रॉयल्टी के रूप में मिलता है. इसके विनिवेश से राज्य की आर्थिकी को खासा नुकसान पहुंचेगा.
सरकार के विनिवेश के निर्णय के विरोध में आवाज़ें भी उठने लगी हैं. उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सरकार के इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसको उत्तराखंड के हितों पर डाका करार दिया. वहीँ टीएचडीसी कर्मचारी यूनियन भी इसके विरोध में उतर आयी हैं. उन्होंने ऋषिकेश स्थित कंपनी कार्यालय पर धरना दिया.
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