राठौर के इस बयान के पीछे छुपा है कुम्भ 2021 का रहस्य
एक्सप्रेस ब्यूरो ll ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने विश्व प्रसिद्ध तीर्थ हरकी पौड़ी के लिए आपत्तिजनक बयान दिया है. एक समाचार पत्र से बातचीत के दौरान हरकी पौड़ी की पौराणिकता पर सवाल उठाते हुए वहां सदियों से बह रही अविरल गंग धारा को उन्होंने अंग्रेज़ों की बनाई नहर करार दिया है. भाजपा विधायक ने अपने बयान में सारे इतिहास को झुट्लाते हुए सन 1916 के गंगा आंदोलन को गंगा आरती के लिए हुआ आंदोलन करार दिया है. उन्होंने कहा की महामना मदन मोहन मालवीय ने आंदोलन किया तो अंग्रेज़ सरकार ने आरती करने के लिए हरकी पौड़ी तक नहर का निर्माण कर दिया था. श्री राठौर ये भूल गए की जिस गंगा आंदोलन को वो नकार रहे हैं उसको आरएसएस ने न केवल स्वीकारा बल्कि उस आंदोलन के बाद अविरल गंगा के लिए हुए अनुबंध के आधार पर स्वतंत्र भारत में भी कई गंगा आंदोलन चलाये हैं.
अब भाजपा विधायक कह रहे हैं कि नीलधारा में जहाँ नया नमामि गंगे घाट बना है वही असली ब्रह्मकुंड है. श्री राठौर के इस विवादित बयान को निजी स्वार्थ से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल सुरेश राठौर रविदास कथावाचक है. वो जिस नमामि गंगे घाट को असली ब्रह्मकुंड बता रहे हैं उसी घाट पर 2 नवंबर से उनका कथा प्रवचन का कार्यक्रम है. इस विवाद को कथा के प्रचार के हथकंडे के रूप में देखा जा रहा है. ये तय है कि श्री राठौर का ये बयान बेवजह नहीं है. जिस हरकी पौड़ी पर खुद राठौर अनेकों बार गंगा पूजन कर चुके हों उसको नहर बताना एक सोची समझी साजिश है.
फाइल फोटो:- हरकी पौड़ी पर माँ गंगा का पूजन करते सुरेश राठौर
वहीँ कुछ जानकार इस बयान के पीछे कुम्भ 2021 के पीछे की सियासत को देख रहे हैं. विदित हो की इस बार कुम्भ मेले के स्नान को लेकर भी विवाद चल रहा है. सरकार में बैठा एक वर्ग कुम्भ के सभी स्नान इस नए घाट पर कराना चाहता है. अब भाजपा विधायक का हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड को नहर कहना उसी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है.
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