घाटों को गंदा करने पर भी चुकाने होंगे दस हज़ार रुपये
नई दिल्ली।। गंगा जल को प्रदूषित करना व उसके अविरल प्रवाह से छेड़छाड़ करना अब महँगा पड़ सकता है। केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में "राष्ट्रीय गंगा नदी जीर्णोद्धार, सुरक्षा व प्रबंधन बिल 2019" पेश करने जा रही है। इसके लागू होने के बाद गंगा के प्रति अपराध गैर जमानती हो जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके तहत गंगा किनारे अनाधिकृत निर्माण करने, जल प्रवाह को रोकने या मोड़ने, खनन, घाटों को नुकसान पहुंचाने या गंदा करने को गंभीर अपराध माना जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
इस कानून के बनने के बाद गंगा के जल ग्रहण क्षेत्र में घरेलू या व्यवसायिक निर्माण करने पर अधिकतम 5 सालों की जेल तथा जल प्रवाह अवरुद्ध करने पर अधिकतम 50 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा खनन, पत्थर चुगान को भी प्रतिबंधित करते हुए ऐसा करने वालों को 2 साल का कारावास व 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं गंगा घाटों को गंदा करने पर 10 हज़ार रुपये जुर्माना व एक साल की जेल हो सकती है।
सरकार इसके लिए गंगा रक्षा पुलिस का भी गठन करने जा रही है। ये पुलिस इस कानून का उलंघन करने वालो को गिरफ्तार करने के अधिकार से संम्पन्न होगी।
जलशक्ति मंत्रालय ने इस बिल को ड्राफ्ट किया है। सरकार की मंशा इसे आगामी शीतकालीन सत्र में पास कराकर जल्द से जल्द कानून बनाने की है।
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