मोदी को चुनौती देने के लिए मजबूत क्षेत्रीय नेताओं का समूह बने कांग्रेस
यश पाल ll वरिष्ठ पत्रकार मार्क टुली ने अंग्रेजी के एक अखबार में कांग्रेस पार्टी को लेकर लिखे अपने लेख से एक नई बहस छेड़ दी है। दो राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा व महाराष्ट्र में एनसीपी नेता शरद पंवार से गठबंधन के कारण कांग्रेस ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। मार्क का मानना है की अब कांग्रेस पार्टी को गांधी परिवार से मुक्ति पाकर मजबूत क्षेत्रीय नेताओं के आधार पर पार्टी का पुनर्गठन करना चाहिए। उनके अनुसार गांधी परिवार की पकड़ अब देश की राजनीति पर कमजोर पड़ने लगी है और वो नरेंद्र मोदी को चुनौती देने में नाकाम रहा है।
आम चुनावों का जिक्र करते हुए वो लिखते हैं की पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब, ओडिसा, तमिलनाडु आदि जिन राज्यों में पार्टियों के पास मजबूत स्थानीय नेता थे, वहां-वहां वो बीजेपी के मुकाबले अपनी पार्टियों को जितवाने में कामयाब हुए हैं।
मार्क ने आगे लिखा है की देश की राजनीति में अब गांधी परिवार का ब्रांड चलने वाला नही है। हालांकि वो मानते हैं कि गांधी परिवार मुक्त कांग्रेस बनाने में कई कठिनाइयां भी आएंगी, इसका उल्लेख करते हुए वो दो सवाल पूछते हैं। पहला, कि गांधी परिवार को ये कौन समझायेगा की उनकी राजनीति का समय अब समाप्त हो गया है? दूसरा यह कि इनके बाद वो कौन सा चेहरा होगा जो पूरी पार्टी को एकजुट रख पाएगा?
मार्क टुली के मुताबिक दोनो राज्यों के चुनावी नतीजों ने यह बता दिया है कि देश की राजनीति के अखाड़े में कांग्रेस के पैर अभी भी मजबूत हैं और वो कभी भी वापसी कर सकती है। बशर्ते, गांधी परिवार इस सच्चाई को समझे और क्षेत्रीय नेतृत्व के सहारे पार्टी को खड़ा होने दे।
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